पर्यावरण

राजस्थान वन विभाग द्वारा चयनित ज़िलों के शुभांकर

राजस्थान के जिला शुभंकर

राजस्थान के जिला शुभंकर वन्यजीव संरक्षण की दिशा में लोगों में जागरूकता फ़ैलाने के उद्देश्य से राजस्थान राज्य के वन विभाग ने हर जिले के लिए एक वन्यजीव को शुभंकर घोषित किया है। वन विभाग ने शुभंकर घोषित करने के लिए वन्यजीव की संख्या को मापदण्ड माना है। इसका चुनाव संबंधित जिले में पाए जाने …

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टॉडगढ़ रावली वन्य जीव अभ्यारण्य

टॉडगढ़ रावली वन्य जीव अभ्यारण्य

तीन जिलों का त्रिवेणी धाम  टॉडगढ़ रावली वन्य जीव अभ्यारण्य के नाम से मशहूर यह अभ्यारण्य राजसमन्द, पाली और अजमेर  जिलों में पसरा हुआ है। इस भू-भाग में 55 मीटर ऊँचाई से गिरने वाला मनोरम भील बेरी झरना है जो बरसात के कई माह बाद तक अविराम झरता रहकर सुकून देता है। अभ्यारण्य में घनी …

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राजस्थान में वन्यजीव संरक्षण | कृत्रिम हैचिंग सेन्टर से गोडावण को बचाने में होंगे कामयाब | राजस्थान का पर्यावरण

कृत्रिम हैचिंग सेन्टर से गोडावण को बचाने में होंगे कामयाब

राज्य पक्षी गोडावण (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) के संरक्षण के लिए 24 जून को मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने जैसलमेर में अण्डा एकत्रीकरण एवं कृत्रिम हैचिंग केन्द्र शुरू होने पर प्रसन्नता जाहिर की है। गोडावण पक्षी की विलुप्त होती जा रही प्रजाति के संरक्षण के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यू.आई.आई.) देहरादून के सहयोग से विश्व में …

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खेजड़ी - राजस्थान का राज्य वृक्ष

खेजड़ी – राजस्थान का राज्य वृक्ष

राजस्थान की शुष्क जलवायु के कारण यहां की वनस्पतियां पारिस्थितिकी के अनुकूल विशिष्टता लिए हुए होती हैं। प्रदेश का एक बड़ा भू-भाग मरुस्थलीय होने का कारण यहां कम पानी में पनपने वाले पेड़-पौधे अधिक पाये जाते हैं। खेजड़ी एक ऐसा ही पेड़ है जो यहां बहुतायत से पाया जाता है। इस बहुउद्देश्यीय वृक्ष का प्रत्येक …

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