महाकवि श्री कन्हैयालाल सेठिया का जन्म 11 सितम्बर 1919 को राजस्थान के चूरु जिले के सुजानगढ़ शहर में हुआ।|श्री कन्हैयालाल सेठिया आधुनिक काल के प्रसिद्ध हिन्दी व राजस्थानी लेखक थे। इनकी सर्वाधिक प्रसिद्ध काव्य रचना ‘पाथल व पीथल’ है। राजस्थान में सामंतवाद के ख़िलाफ़ इन्होंने
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महाकवि श्री कन्हैयालाल सेठिया द्वारा रचित पातल’र पीथल मूल राजस्थानी में लिखी अति लोकप्रिय और चर्चित कविता हैं | अरै घास री रोटी ही जद बन बिलावड़ो ले भाग्यो। नान्हो सो अमर्यो चीख पड्यो राणा रो सोयो दुख जाग्यो। हूं
1880 ई. में जयपुर में जन्मे अर्जुनलाल सेठी प्रारंभिक काल में चौमू ठिकाने के कामदार नियुक्त हुए। किन्तु देशभक्ति की भावना के कारण अपने पद से त्याग पत्र देकर उन्होंने 1906 ई. में जैन शिक्षा प्रचारक समिति की स्थापना की,
बिजौलिया आंदोलन का नेतृत्वकर्ता विजय सिंह पथिक का मूल नाम भूपसिंह था। उनका जन्म बुलन्दशहर जिले के ग्राम गुठावली कलाँ के एक गुर्जर परिवार में हुआ था। उनके दादा इन्द्र सिंह बुलन्दशहर स्थित मालागढ़ रियासत के दीवान (प्रधानमंत्री) थे जिन्होंने
महाराणा कुम्भा के शासनकाल की जानकारी ‘एकलिंग महात्म्य’, ‘रसिक प्रिया’, ‘कुम्भलगढ़ प्रशस्ति’ आदि से मिलती है। वह 1433 ई. में गददी पर बैठा। कुम्भा ने अपने शासनकाल के प्रारंभ में स्थानीय और पड़ोसी राज्यों को जीत कर अपनी शक्ति को
राजस्थान के ऐतिहासिक भरतपुर जिले का अतीत अनगिनत संघर्षों तथा साहस और पराक्रम की गाथाओं से परिपूर्ण रहा है। भरतपुर को भारत के इतिहास में महत्त्वपूर्ण स्थान दिलाने में महाराजा सूरजमल का विशेष योगदान रहा है। महाराजा सूरजमल भरतपुर राज्य