ग-तरंग-उमंग के साथ होली। इसमें अनूठी लोक परम्पराओं, मान्यताओं व रीति-रिवाजों का मेल । त्योहार एक, लेकिन लोक परम्पराओं के साथ हर क्षेत्र की अलग फाल्गुनी बयार । कुछ ऐसी ही अनूठी परम्पराओं के रंगों में घुली है वागड़ की
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आज सम्पूर्ण विश्व में राजस्थानी हस्तशिल्प को सराहा जाता है। अपने अनूठेपन, सूक्ष्मता और सौन्दर्य में यह विलक्षण है। राजस्थान का यह बहु प्रशंसित हस्तशिल्प लगभग उतना ही पुराना है जितना स्वयं मानव का अस्तित्व है। जब मनुष्य ने पत्थरों
राजस्थान का इतिहास बहुत पुराना है। यहाँ के लोगों को अनेक उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़ा है। संघर्ष और वैभव दोनों ही ने यहाँ के जीवन को प्रभावित किया और आकार दिया है। किसी भी प्रदेश के निवासी जैसा जीवन
पुष्कर मेला अजमेर जिले का पुष्कर हिन्दू धर्मावलम्बियों की आस्था का एक प्रमुख केन्द्र है। कदाचित पूरे देश में यहीं ब्रह्माजी का एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसमें विधिवत उनकी पूजा होती है। इसी मंदिर के पीछे की पहाड़ियों पर सावित्री
पूरे देश में मनाए जाने वाले सभी पर्व, त्योहार आदि राजस्थान में भी उतने ही हर्षोल्लास से मनाए जाते हैं। होली, दिवाली, ईद, क्रिसमस, नया साल, उत्तरायण, पोंगल, बैसाखी, गणेश चतुर्थी, जन्माष्ठमी, गुरु नानक जयन्ती, और इसी तरह के सारे