ओझियाना की सभ्यता

ओझियाना की सभ्यता

ओझियाना की सभ्यता

ओझियाना भीलवाड़ा जिले में खारी नदी के तट पर स्थित आहड़ संस्कृति से संबंधित पुरास्थल है। 2000 ई. में बी. एन. मिश्रा के नेतृत्व में यहाँ उत्खनन किया गया। यहाँ से प्राप्त मृद्पात्रों व भवन संरचना के अनुसार अनुमानतः इस संस्कृति का विकास तीन चरणों में हुआ है। उत्खनन में सभी चरणों से लाल एवं काले रंग के मृदपात्र जो सफेद रंग से चित्रित हैं, प्राप्त हुए हैं। किंतु प्रत्येक चरण में इन पात्रों को बनाने की विधि भिन्न-भिन्न रही है।राज्य का प्राचीनतम वैष्णव मंदिर – घोसुंडी (जो द्वितीय सदी ईसा पूर्व का हैं) इसी सभ्यता स्थल के अन्तर्गत प्राप्त हुआ है।

सभ्यता स्थल ओझियाना
नदी खारी नदी
जिलाभीलवाड़ा
उत्खनन कर्ताबी. एन. मिश्रा (2000 ई.)

ओझियाना से प्राप्त अवशेष :

  • लाल एवं काले रंग के मृदपात्र जो सफेद रंग से चित्रित हैं, प्राप्त हुए हैं। किंतु प्रत्येक चरण में इन पात्रों को बनाने की विधि भिन्न-भिन्न रही है।
  • यहाँ से बैल एवं गाय की मृण्मूर्ति, कार्नेलियन फियांस तथा पत्थर के मनके, शंख एवं ताँबे की चूड़ियाँ, मृण्मय खिलौना गाड़ी के पहिये, सिलबट्टा, प्रस्तर हथौड़ा, गोल छेद वाला पत्थर आदि सामग्री प्राप्त हुई है, जिससे अनुमान किया जाता है कि यह स्थल 2000 ई.पू. के लगभग आबाद रहा होगा।

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