राजस्थान के ताम्रपाषण कालीन संस्कृति स्थल

राजस्थान के ताम्रपाषण कालीन संस्कृति स्थल

ताम्रपाषाण कालीन संस्कृति

राजस्थान में ताम्रयुगीन संस्कृति का जो भण्डार मिला है उसने संसार भर के सांस्कृतिक इतिहास की कड़िया जोड़ दी हैं।प्रस्तर युग से ताम्र युग में मानव के पदार्पण ने जो राजस्थान में अवशेष छोड़े हैं उन्होंने पुरातत्त्व के क्षेत्र में तहलका मचा दिया है। राजस्थान की प्रमुख ताम्रपाषाण कालीन संस्कृति स्थल इस प्रकार है :

राजस्थान की प्रमुख ताम्रपाषाण कालीन संस्कृति स्थल

पुरातात्विक स्थलजिलाटिप्पणी
कालीबंगा श्रीगंगानगरविस्तार से पढ़ें……
गणेश्वर सीकरविस्तार से पढ़ें……
आहड़ उदयपुरविस्तार से पढ़ें……
गिलूण्डराजसमन्दविस्तार से पढ़ें……
बालाथल उदयपुरविस्तार से पढ़ें……
ओझियाना भीलवाड़ाविस्तार से पढ़ें……
पिण्ड-पाडलिया चित्तौड़गढ़
झाड़ोल उदयपुर
कुराड़ा नागौरयहाँ से अन्य ताम्रसामग्री के साथ प्रणालयुक्त अर्धपात्र राजस्थान को
भारतीय पुरातत्व की विशेष देन है,
यह प्राचीन राजस्थान और पश्चिमी एशिया
विशेषतः ईरान से पारस्परिक संबंधों की और इंगित करता है।
पूगलबीकानेर
साबणियाबीकानेर
नंदलालपुराजयपुर
किराड़ोत जयपुरयहाँ ताम्रयुगीन 58 चूड़ियों की प्राप्ति बहुत महत्वपूर्ण है।
यह विभिन्न आकार की उन अठ्ठाइस चूड़ियों के 2 सेट से है,
जिनका उपयोग सेंधव संस्कृति का एक अपरिहार्य लक्षण था।
एलाना जालौर
बूढ़ा पुष्करअजमेर
कोल माहोलीसवाई माधोपुर
मलाह भरतपुरयह स्थल विश्व प्रसिद्ध घना अभ्यारण के बीच स्थित है।
यहाँ से प्रभूत संख्या में ताम्र हारपून, तलवारें उपलब्ध हुई है।
हारपून प्रागैतिहासिक युग का वह आयुध है जिससे व्हेल मछली
अथवा गेंडे जैसे बड़े जानवरों का शिकार किया जाना सम्भव था।
अतः इसकी प्राप्ति गहरे ऐतिहासिक तत्वों की और इंगित करती है।
चिथवाड़ी जयपुर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: © RajRAS